लेखनी कहानी -22-Dec-2021
मैं मासूम हूँ
मैं मासूम सी मैं कली सी
तुम क्यूँ मुझे तोड़ना चाहते हो।
क्यूँ मुझे इस नन्ही उम्र
में झकझोर ना चाहते हो।
होगा तुममे भी छोटा सा दिल
तो क्यूँ इतने निर्दयी हो जाते हो।
तुम मानव हो दानव तो नहीं,
क्यूँ इतनी निर्दयता दिखलाते हो।
में किसी के घर की परी हूँ।
अपने पिता के दिल का
टुकड़ा हूँ ।
क्यूँ ये समझ ना पाते हो,
कैसे मैं सुन्दर फूल बनूँ,
तुम तो कली को ही कुचल जाते हो।
By-Rekha mishra
Rekha mishra
23-Dec-2021 11:42 AM
Thanks
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Swati chourasia
23-Dec-2021 11:24 AM
Very beautiful 👌
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
22-Dec-2021 06:06 PM
Nice
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